DUDU District
History Culture & Geography || दूदू जिले की सम्पूर्ण जानकारी👇👇👇
आज के आर्टिकल में हम राजस्थान के नवसृजित जिले दूदू | Dudu District के बारे में विस्तार से जानेंगे। राजस्थान के नए दूदू जिले से सम्बन्धी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे- दूदू जिले का क्षेत्रफल, भौगोलिक स्थिति, विधानसभा क्षेत्र, दूदू जिले का मानचित्र, दूदू जिले की सीमा, jila Map, Dudu District History Culture & Geography का विस्तार से अध्ययन करेंगे। राजस्थान में सबसे छोटा जिला दूदू हैं-
District विधान सभा सीटे
क्र.स. | नाम उपखण्ड | तहसील |
1 . | मौजमाबाद | मौजमाबाद |
2 . | दूदू | दूदू |
3 . | फागी | फागी |
दूदू (DUDU) की कुल जनसंख्या
दूदू (DUDU) की कुल जनसंख्या सिर्फ 3,12,857
दूदू जिले में दूदू, मौजमाबाद और फागी उपखंड के 60 ग्राम पंचायतों के 241 गांव हैं। जिसकी आबादी 3,12,857 है। आबादी की नजर से देखें तो दूदू जिला प्रदेश में सबसे छोटे जिले में शामिल हो गया है। दूदू उपखंड के 68, फागी के 85, और मौजमाबाद के 90 गांवों को शामिल किया गया है
DUDU दुदुं जिले का भौगोलिक-प्रशासनिक परिचय
भौगोलिक-प्रशासनिक परिचय इस प्रकार है –
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- घोषणा-17 मार्च, 2023
- मंत्रिमण्डल मंजूरी-04 अगस्त, 2023
- अधिसूचना जारी-06 अगस्त, 2023
- अधिसूचना लागू-07 अगस्त, 2023
- स्थापना दिवस-07 अगस्त, 2023
- उद्घाटनकर्ता-शांति कुमार धारीवाल (नगरीय विकास मंत्री)
- किस जिले को तोड़कर बनाया-जयपुर
- प्रथम कलेक्टर-अर्तिका शुक्ला
- प्रथम पुलिस अधीक्षक-पूजा अवाना
- संभाग-जयपुर संभाग के अन्तर्गत
- सीमा-03 जिलों (जयपुर ग्रामीण, टोंक, अजमेर) से सीमा लगाता है।
- उपनाम-1. दादूपंथियों का क्षेत्र, 2. दुदाव
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DUDU District History Culture & Geography के महत्वपूर्ण जानकारी
जिला इतिहास संस्कृति एवं भूगोल के महत्वपूर्ण जानकारी इस प्रकार है –
- देश भर में आधार कार्ड योजना की लॉचिंग दूदू से हुई।
- राज्य का प्रथम मेट्रो अस्पताल दृदू
- देश का पहला सौलर गाँव नया गाँव (दूदू)
- आमेर शासक मानसिंह की जन्म स्थली मौजमाबाद (दूदू) (जन्म 1550]
- महात्यागी संत मोहनदास मौनी बाबा की तपस्या स्थली साखून (दूदू)
- 52 चूल्हों की हवेली – मोजमाबाद (दृदू)
- परवा फोर्ट – मोजमाबाद (दूदू)
- पुरातत्व गढ़ पैलेस – दृछ
- साखून फोर्ट – दूदू
- राज्य हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र कर्नाटक, तमिलनाडु ।
- NH-48 राजस्थान के 9 जिलों से गुजरता है।
- 1. कोठपुतली – बहरोड़
- 2. जयपुर ग्रामीण
- 3. दूदू
- 4. अजमेर
- 5. ब्यावर
- 6. भीलवाड़ा
- 7. चित्तौड़गढ़
- 8. उदयपुर
- छापरवाड़ा बाँध – दृदू
- भूतों की बावड़ी मोजमाबाद (दूदू)
- दादू खोले भैराना की पहाड़ी बिचून (दूदू)
- फागी प्राचीन नाम हीरापुर/हिम्मत नगर
- 9. डूंगरपुर
- NH-48 की राजस्थान में लम्बाई 694 किमी NH-48 राजस्थान का प्रथम एक्सप्रेस वे है।
- NH-48 उदयपुर में देबारी दर्रा से गुजरता है।
- NH-48 पर घुमता फिरता ट्रोमा हॉस्पीटल है।
- लापोड़िया गाँव (दूदू जिला) लक्ष्मण सिंह (पदमश्री से सम्मानित)
- नरैना जिला दूदू
- बांडी नदी
- उद्गम – सामोद की पहाड़ियाँ [चौमू जयपुर ग्रामीण]
- यह नदी तीन जिलों में प्रवाहित होती है।
- 1. जयपुर ग्रामीण
- 2. दृद्ध
- 3. टोंक
- • दादू पंथ की प्रमुख पीठ – नरेना (दूदू)
- संत बखना जी जन्म नरेना (दूदू)
- दादू दयाल पैनोरमा – नरेना (दूदू)
- • संत दादू दयाल मेला -नरेना (दूदू) – आश्विन शुक्ल पंचमी से नवमी तक भरता है।
- संत दादू दयाल
- संगम – देवधाम जोधपुरिया (टोंक) यहाँ पर बनास • नदी में मिल जाती है।
- देवधाम जोधपुरिया (टोंक)- यहाँ बनास, बाड़ी.
- च माशी नदियों का त्रिवेणी संगम होता है।
- NH-48 – दृदू से गुजरता है।
- 36
- कुल लम्बाई 2807 किमी
- NH-48, स्वर्णिम चतुर्भुज योजना तथा दिल्ली- मुम्बई औद्योगिक गलियारा का भाग है।
- NH-48, 6 राज्यों से तथा 1 केन्द्रशासित प्रदेश
- से गुजरता है।
- केन्द्रशासित प्रदेश दिल्ली।
- जन्म 1544 ई., अहमदाबाद (गुजरात)
- दादू सम्प्रदाय के प्रवर्तक संत दादू दयाल थे।
- इन्हें राजस्थान का कबीर कहा जाता है। (मोतो लाल मेनारिया ने कहा कबीर)
- दादू दयाल निर्गुण भक्ति परम्परा के संत थे।
- 1574 ई. में सांभर में दादू सम्प्रदाय की नींव रखी।
- दादू सम्प्रदाय की प्रमुख नरेना (दूदू) में भैराणा पहाड़ी पर स्थित है।
- दादू दयाल जी अकबर से मिलने 1585 ई. फतेहपुर सीकरी (आगरा) गये थे।
- अकबर ने इनसे प्रभावित होकर गो हत्या पर रोक लगायी थी
- अलख दरिबा – दादू दयाल जी का उपदेश स्थल । • (सत्संग स्थल)
- दादू द्वारा – इनके अनुयायियों का निवास स्थल ।
- दादू खोल – दादू दयाल का समाधि स्थल। इसे दादू पालका भी कहते है।
- अलख स्तुती प्रकाश – दादू पंथ के नियमों का उल्लेख मिलता है।
- नियम –
- 1. दादू पंत के लोग विवाह नहीं करते थे। बल्कि गोद लेकर वंश चलाते थे।
- 2. इस पंत में शव को जलाते नहीं थे, बल्कि पशु पक्षियों को खाने के लिए छोड़ देते थे।
- दादू दयाल जी के पाँच प्रमुख तीर्थ स्थल है –
- 1. आमेर
- 2. सांगानेर
- 3. नरेना
- 4. सांभर
- 5. कल्याणपुरा
- दादू दयाल की वाणी, दादू दयाल का दौहा कायाबेली, नाममाला, परिचय का अंग, संतगुणसागर नामक ग्रन्थों की रचना दादू द्वारा सधुक्कड़ी, ढूँढ़ाड़ी भाषा में की गई।
- 52 स्तम्भ – दादूदयाल जी के 152 शिष्य थे, जिनमें से 100 एकान्तवासी तथा 52 प्रमुख शिष्य थे, जिन्हें 52 स्तम्भ कहा गया।
- दादूदयाल जी स्वयं विवाहित थे तथा इनके 2 पुत्र एवं 2 पुत्रियाँ थी। पुत्र-1. गरीबदास 2. मिस्किन दास
- पुत्रियाँ-1. रूपकुंवरी 2. शोभाकुँवरी
- जैतराम नामक व्यक्ति ने दादूपंथ की 5 शाखाएं बताई-1. खालसा 2. खाकी 3. उतरादे 4. नागा 5. विरक्ति (निहंग