Jodhpur Gramin
Jila Darshan, History Culture & Geography के महत्वपूर्ण जानकारी👇
आज के आर्टिकल में हम राजस्थान के नवसृजित जिले जोधपुर ग्रामीण | Jodhpur Rural District के बारे में विस्तार से जानेंगे। राजस्थान के नए जिले से सम्बन्धी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे- जिले का क्षेत्रफल, जोधपुर ग्रामीण भौगोलिक स्थिति, विधानसभा क्षेत्र, जोधपुर ग्रामीण जिले का मानचित्र, जिले की सीमा, जोधपुर ग्रामीण जिला दर्शन, jila Map, Jodhpur Rural District History Culture & Geography का विस्तार से अध्ययन करेंगे।
जोधपुर ग्रामीण District विधान सभा सीटे
क्र. स. | नाम उपखण्ड | तहसील |
1 . | जोधपुर उत्तर | तहसील जोधपुर का नगर निगम जोधपुर के अन्तर्गत आने वाले भाग को छोड़कर शेष समस्त भाग |
2 . | जोधपुर दक्षिण | तहसील जोधपुर का नगर निगम जोधपुर के अन्तर्गत आने वाले भाग को छोड़कर शेष समस्त भाग |
कुडीभक्तासनी | ||
3 . | लूणी | लूणी |
झंवर | ||
4 . | बिलाडा | बिलाडा |
5 . | भोपालगढ | भोपालगढ |
6 . | पीपाडसिटी | पीपाडसिटी |
7 . | ओसियॉ | ओसियाँ |
तिवरी | ||
8 . | बावडी | बावडी |
9 . | शेरगढ | शेरगढ |
10 . | बालेसर | बालेसर |
सेखला | ||
चामू |
जोधपुर ग्रामीण जिले का भौगोलिक-प्रशासनिक परिचय
भौगोलिक-प्रशासनिक परिचय
- घोषणा-17 मार्च, 2023
- मंत्रिमण्डल मंजूरी-04 अगस्त, 2023
- अधिसूचना जारी-06 अगस्त, 2023
- अधिसूचना लागू-07 अगस्त, 2023
- स्थापना दिवस-07 अगस्त, 2023
- उद्घाटनकर्ता-डॉ. सुभाष गर्ग (तकनीकी शिक्षा मंत्री)
- किस जिले को तोड़कर बनाया-जोधपुर
- संभाग-जोधपुर संभाग के अन्तर्गत
- सीमा-06 जिलों (ब्यावर, नागौर, फलौदी, जैसलमेर, बालोतरा, पाली) से सीमा लगाता है।
जोधपुर ग्रामीण जिला दर्शन, History Culture & Geography के महत्वपूर्ण जानकारी
जोधपुर ग्रामीण नदी के बार में –
लूनी नदी
- उद्गम – नाग पहाड़ (अजमेर)
- प्रवाह क्षेत्र (जिले) (1) अजमेर, (2) नागौर, (3) ब्यावर, (4) जोधपुर, (5) बालोतरा, (6) बाड़मेर, (7) सांचौर।
- जसवंत सागर/पिचियाक बांध (बिलाड़ा – जोधपुर ग्रामीण)
- लूनी नदी पर स्थित
- 1889-90 ई. में महाराजा जसवंतसिंह द्वारा निर्मित।
- जोधपुर ग्रामीण से 3 राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं- NH-62, NH-25 व NH-125
- अश्व प्रजनन केन्द्र
- बिलाड़ा (जोधपुर ग्रामीण)
- खारिया खंगार (जोधपुर ग्रामीण)
- यहाँ सफेद सीमेंट का सबसे बड़ा कारखाना स्थित है। जिसका नाम इण्डियन रेयॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड है।
- मथानियाँ (जोधपुर ग्रामीण)
- लाल रंग की मिर्च के लिए प्रसिद्ध।
- मसाला पार्क – मथानियाँ
- सौर ऊर्जा केन्द्र – मथानियाँ
- ओसियाँ का प्राचीन नाम उपकेशपट्टन है।
- निर्माण वत्सराज प्रतिहार द्वारा 10वीं शताब्दी में
- राजस्थान का प्रमुख सूर्य मंदिर है।
- ओसियाँ के सूर्य मंदिर को राजस्थान का कोणार्क कहते हैं।
- ओसियाँ को राजस्थान का ब्लैक पैगोड़ा व राजस्थान
- का भुवनेश्वर कहते हैं।
- सच्चियाय माता मंदिर (ओसियाँ)
- निर्माण – उत्पल देव परमार द्वारा 11वीं सदी में
- ओसवाल जैनियों की कुल देवी
- सच्चियाय माता को ‘साम्प्रदायिक सद्भाव की देवी’ कहते हैं।
- नोट :- साम्प्रदायिक सद्भाव के देवता – रामदेव जी
- • साम्प्रदायिक सद्भाव वाला जिला – अजमेर • साम्प्रदायिक सद्भाव का पुरस्कार – हाकिम खाँ सूरी
- हरिहर मंदिर-ओसियाँ
- पंचायतन शैली में निर्मित मंदिर है।
- इस मंदिर में नवग्रह स्थापित है।
- मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा है।
- विश्व की पहली और मिश्रित चक्रीय विद्युत
- महावीर जी का मंदिर
- परियोजना स्थापित है।
- पाल – ( जोधपुर ग्रामीण)
- राज्य की प्रथम फिल्म सिटी
- इसे शिल्प ग्राम का दर्जा दिया गया।
- यहाँ निजी क्षेत्र का प्रथम इनलैण्ड कंटेनर डिपो
- स्थापित है।
- पहला स्पाईस पार्क
- रामपुरा गाँव (ओसियाँ)
- राज्य का दूसरा स्पोर्टस स्कूल
- आंगणवा (जोधपुर ग्रामीण)
- घवा डोली वन्य जीव अभयारण्य
- . जोधपुर ग्रामीण
- यहाँ राज्य के सर्वाधिक मृगवन पाये जाते हैं।
- अमृतादेवी मृगवन
- खेजड़ली (1986)
- ओसियाँ (जोधपुर ग्रामीण)
- प्राचीन सर्ग मंदिर ओसियाँ (जोधपुर ग्रामीण)
- निर्माण – वत्सराज प्रतिहार द्वारा
- बिलाड़ा (जोधपुर ग्रामीण)
- आई माता मंदिर-बिलाड़ा (जोधपुर ग्रामीण)
- बचपन का नाम – जीजी बाई
- सीरवी जाति की कुल देवी
- आई माता की ज्योति (दीपक) से केसर टपकती है।
- आई माता के मंदिर को दरगाह कहते हैं।
- मेला – प्रतिमाह शुक्ल द्वितीया को।
- अनुनायी 11 नियमों का पालन करते हैं।
- मंदिर में गुर्जरों का प्रवेश निषेध है।
- बड़ली के भैंरूजी का मंदिर
- औसियाँ (जोधपुर ग्रामीण)
- निर्माण – राव सीहा द्वारा
- कापरड़ा का मेला-बिलाड़ा
- मेला – प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ल पंच
- खेजड़ली मेला
- भाद्रपद शुक्ल दशमी (तेजा दशमी)
- विश्व का एकमात्र वृक्ष मेला
- केतु गाँव (बालेसर, जोधपुर ग्रामीण) तंदुरा • वाद्य यंत्र निर्माण के लिए प्रसिद्ध।
- विश्नोई संप्रदाय की शाखा – रामडावास, बिलाड़ा (जोधपुर ग्रामीण)
- रूपायन संस्थान
- बोरूंदा (जोधपुर ग्रामीण)
- स्थापना 1960
- संस्थापक कोमल कोठारी, विजयदान देथा
- उद्देश्य – इसका उद्देश्य कलाकारों, लोक संगीत, लोक वाद्य और लोक साहित्य को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाना।
- विजयदान देथा (बिज्जी)
- जन्म – 1926 ई. बारून्दा (जोधपुर ग्रामीण)
- प्रमुख रचना – 1. बाता री फुलवारी 2. दुविधा 3. अलंखु हिटलर 4. तीडोराव 5. गोरा हट जा
- खेड़ापा ( जोधपुर ग्रामीण)
- रामस्नेही सम्प्रदाय की पीठ
- प्रवर्तक – रामदास जी
- खेजड़ली घटना
- 12 सितम्बर, 1730
- • यह अजीत सिंह के संरक्षक थे।
- (जोधपुर ग्रामीण)
- उपनाम – राठौड़ों का यूलिसेस, राजपूताने का गै बाल्डी, मारवाड़ का अणबिंदिया मोती।
- यह जोधपुर के महाराजा जसवंत सिंह-1 के सेनापति थे।
- दुर्गादास राठौड़ पैनोरमा – मसूरिया पहाड़ी
- समाधि – उज्जैन (मध्य प्रदेश)
- वीर दुर्गादास राठौड़ छतरी उज्जैन (मध्य प्रदेश) शिप्रा नदी के किनारे
- नोट :- दुर्गादास राठौड़ पर 26 अगस्त, 1988 को डाक टिकट जारी किया।
- प्रमुख अभिलेख घटियाला का शिलालेख (जोधपुर ग्रामीण)
- 861 ई. का शिलालेख
- यह शिलालेख चार समूह के रूप में घटियाला में एक स्तम्भ पर उत्कीर्ण है।
- यह शिलालेख संस्कृत व चम्पू शैली में है। इस शिलालेख में हरिशचन्द्र से लेकर कक्कुक
- तक मण्डोर के प्रतिहार शासकों की वंशावली है।
- घटियाला का प्राचीन नाम रोहिन्स कूप था।
- बुचकला शिलालेख-815 ई.
- बुचकला गांव (बिलाड़ा)
- घटना के समय शासक अभय सिंह, सेनापति
- औसियां का शिलालेख औसियां (जोधपुर ग्रामीण)
- गिरधर दास, नेतृत्व – अमृता देवी ।
- अमृता देवी सहित कुल 363 लोगों ने बलिदान
- कोसाणा का युद्ध
- दिया।
- मारवाड़ महोत्सव/मांड महोत्सव
- जोधपुर ग्रामीण
- अश्विन माह की शरद पूर्णिमा (सितम्बर-अक्टूबर)
- इस महोत्सव का ऊँट पोलो प्रमुख आकर्षण है। अनुदैर्ध्य, अनुप्रस्थ, बरखान आदि प्रकार के बालूका
- स्तूप सर्वाधिक जोधपुर ग्रामीण में है।
- अरणा-झरणा जल प्रपात (जोधपुर ग्रामीण)
- यह प्राकृतिक जल-प्रपात एक तीर्थ के रूप में विख्यात है।
- 1492 ई. में (जोधपुर ग्रामीण)
- मारवाड़ के राव सातलदेव व अजमेर के सूबेदा मल्लू खाँ के बीच, राव सातलदेव विजयी।
- इस युद्ध में घुड़ले खाँ मारा गया। पीपाड़ का युद्ध
- 1750 ई. (जोधपुर ग्रामीण) बख्तसिंह एवं रामसिंह के मध्य, रामसिंह विजयी।
- घुड़ला महोत्सव (मारवाड़)
- यह लोक पर्व चैत्र कृष्ण अष्टमी को प्रारम्भ होता है।
- यहाँ पूर्णिमा, अमावस्या, एकादशी और चैत्र तृतीया को स्नान करने बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे होते हैं।
- इसमें विशेष छिद्र युक्त घड़े के साथ नृत्य किया जाता है।
- वीर दुर्गादास राठौड़
- जन्म 13 अगस्त, 1638, सालवा कला ग्राम
- घुड़ला नृत्य ‘शीतलाष्टमी’ के दिन किया जाता है।
हमारे facebook ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें Click Here
Helpie FAQ
- Jodhpur Rural District History Culture & Geography की जानकारी
Jodhpur Rural District History Culture & Geography की जानकारी का विस्तार से उपर लिख हुआ है -
- जोधपुर ग्रामीण नदी के बार में -
जोधपुर नदी के बार में इस प्रकार है -
लूनी नदी
- उद्गम - नाग पहाड़ (अजमेर)
- प्रवाह क्षेत्र (जिले) (1) अजमेर, (2) नागौर, (3) ब्यावर, (4) जोधपुर, (5) बालोतरा, (6) बाड़मेर, (7) सांचौर।