Jaipur District
History Culture & Geography || Jaipur Jila Darshn 2024👇👇👇
आज के आर्टिकल में हम राजस्थान के जयपुर जिले | जयपुर District के बारे में विस्तार से जानेंगे। राजस्थान के नए जिले से सम्बन्धी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे- जिले का क्षेत्रफल, जयपुर भौगोलिक स्थिति, जयपुर विधानसभा क्षेत्र, जयपुर District History Culture & Geography का विस्तार से अध्ययन करेंगे।
जयपुर , शहर , राजस्थान राज्य की राजधानी, उत्तर-पश्चिमी भारत । यह राज्य के पूर्व-मध्य भाग में स्थित है, जो अलवर (उत्तर पूर्व) और अजमेर (दक्षिण पश्चिम) से लगभग समान दूरी पर है। यह राजस्थान का सबसे अधिक आबादी वाला शहर है
District विधान सभा सीटे
नाम | विधायक | दल |
हवामहल | बालमुकुंद आचार्य | बी जे पी |
विद्याधर नगर | दीया कुमारी | बी जे पी |
सिविल लाइंस | गोपाल शर्मा | बी जे पी |
Kishanpole | अमीनुद्दीन कागज़ी | कांग्रेस |
आदर्श नगर | रफीक खान | कांग्रेस |
मालवीय नगर | काली चरण सराफ | बी जे पी |
सांगानेर | भजन लाल शर्मा | बी जे पी |
बगरू | कैलाश चंद वर्मा | बी जे पी |
जिले का भौगोलिक-प्रशासनिक परिचय
जयपुर, गुलाबी शहर भारत के रेगिस्तानी राज्य राजस्थान की राजधानी है । जयपुर की स्थापना महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने 18 नवंबर 1727 को की थी और इसका नाम इसके संस्थापक के नाम पर रखा गया था। यह थार रेगिस्तान की पूर्वी सीमा पर स्थित है जो भारत का एकमात्र रेगिस्तान है । पश्चिमी दिशा में यह पाकिस्तान के साथ मनमोहक और रहस्यमय रेगिस्तान की एक आम अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है।
District History Culture & Geography के महत्वपूर्ण जानकारी
नमस्कार दोस्तों आज हम इस पोस्ट में जानेंगे की जयपुर जिले के बारे में इसका इतिहास व् जिला दर्शन
जयपुर जिले का परिचय :- |
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*जयपुर जिला भारत के सबसे बड़े राज्य राजस्थान की राजथानी है |
* जयपुर जिले की जनसंख्या लगभग 30 लाख है |
*जनसंख्या के मामले में भारत का 10 वा शहर है| जयपुर को पिंक सिटी के नाम से भी जाना जाता है|
* जयपुर का नाम सवाई जय सिंह के नाम पर रखा गया है |
दर्शनीय स्थल :- |
हवामहल :-
* इसका निर्माण 1799 में सवाई प्रतापसिंह के द्वारा की गयी |
*इसमें कुल 953 खिडकिया व इसकी की आक्रति श्री कृष्ण के मुकुट की तरह है|
वर्ल्ड ट्रेड पार्क(World Trade Park ) :-
* यह एक शोपिंग मॉल है जिसे 2012 में सर्वप्रथम खोला गया था |
*इसे एयर कार्गो कॉम्लेक्स भी कहते है |
जयगढ दुर्ग – आमेर :-
* इसका निर्माण राजा जय सिंह ने करवाया था |
*सवाई जय सिंह ने एशिया की सबसे बड़ी तोप जय बाण तोप इसी जगह बनवाई गयी थी |
*यहाँ एक छोटा दुर्ग है जिसे विजयवाड़ी कहते है|
नाहरगढ़ का किला(सुरदर्शन व मुकुटमणि) :-
* इसका निर्माण सवाई जय सिंह ने 1734 में करवाया था |
* इसका नाम नाहरसिंह भोमिया पर रखा गया था |
* इसमें एक जेसे 9 महल है इसकी तलहटी में गैटोर की छतरिया बनी है|
* इसका निर्माण मराठो से सुरक्षा के लिए किया था|
चन्द्रमहल – सिटी पैलेस :-
* यह राज परिवार का निवास है |
* यह 7 मंजिल है इसका निर्माण सवाई जय सिंह ने करवाया |
जन्तर मंतर वेधशाला :-
*यह एक पत्थर का वेग शाला है |
*यह जय सिंह की पांच वेग शाला में से सबसे विशाल है
*यहाँ जटिल यंत्र व इसका विन्यास व आकार वेघ्यानिक ढंग से तैयार है यह सबसे प्रभावशाली रामयंत्र है|
जल महल:-
*सवाई जय सिंह ने इसका निर्माण शिकार के लिए करवाया था परन्तु इसके मानसागर झील के बिच में होने के कारन यह प्रसिद्ध हुवा |
*इसे रोमांटिक महल के नाम से भी जाना जाता है |
*1799 में इसका उद्गम हुआ|
मुबारक महल :-
*इसका निर्माण माधो सिंह दिव्तीय ने करवाया |
*मेहमानों के टहरने के लिए बनाया गया है|
सर्वतोभद्र महल :-
*इसका निर्माण सवाई जय सिंह है |
स्थानीय नाम -: सरबता महल
प्रीतम निवास महल ;-
*इसका निर्माण मानसागर झील में किया गया है|
* निर्माण :- सवाई जय सिंह
कला संस्कृति :-
मीनाकारी:-
*सोने के आभोषण को कीमती पत्थर की जाढ़ई का कम मीनाकारी कहलाता है |
*मीनाकारी का प्रसिद्ध कलाकार कुदरत सिंह है |
*आमेर का राजा मानसिंह ने सर्वप्रथम यह किया था|
ब्ल्यू पोटरी ;-
*ब्ल्यू पोटरी मानसिंह के द्वारा लायी है |
*इसका सर्वधिक विकास राम सिंह दिव्तीय के समय हुआ
* ये कला अकबर द्वारा ईरान से लाहौर लाई गयी और वह से राजस्थान में आई|
*ब्ल्यू पोटरी के जादूगर कृपाल सिंह शेखावत |
जरी का कार्य -:
*सवाई जय सिंह के समय शुरुआत हुई थी |
*चमकीले धागों से नक्क्शी करना जरी का कार्य कहलाता है|
*लाख की चिड़िया मुरादाबाद कोफ्त्गिरी संगमरमर की मुर्तिया का कार्य जयपुर में किया गया है |
कत्थक :-
*प्रवर्तक- भानु जी
*राजस्थान का शास्त्री न्रत्य है |
*कत्थक का आदिम घराना:- जयपुर |
तमाशा:-
*जयपुर का प्रसिद्ध लोकनाट्य है | इसकी शुरुआत मान सिंह प्रथम के समय हुआ था|
चित्रकला – जयपुर चित्रकला :-
*इसका विकास जयपुर चित्रशेली के रूप में हुआ
*चित्र – जयदेव का गीतगोविन्द प्रमुख चित्रकार – सहिब्रम , लालचंद, मुहम्मद शाह , सालिगराम और रामजीदास |
*आमेर शेली के प्रमुख चित्र :- कृष्ण लीला ,लैला मजनू ,हाथीघोड़े,आदि|
*प्रमुख रंग हरे रंग प्रधानता |
पोथिखाना;-
*जयपुर राज परिवार का निजी पुश्ताकालय था वर्त्तमान में इसमें चित्रकला संग्रहालय है |
*त्रिपोलिया बाजार – इश्वरीसिंह की छत्री
मीणा जनजाति :-
*मीणा का अर्थ – मछली या मत्स्य है |
*कुल देवता :- बुझ देवता
*मुखिया – पटेल
*अराध्यमाता –जीण माता
*पंचायत –चोरासी
सवार्धिक शिक्षित जनजाति |
नोट:- तीज महोत्सव व गणगोर महोत्सव जयपुर का प्रसिद्ध है |
जयपुर कुछ महत्वपूर्ण तथ्य :-
- जयपुर को पूर्व का पेरिस कहते है
- सी.वि. रमन ने जयपुर को आइलैंड ऑफ़ ग्लोरी कहा था |
- राजथान का पहला साइबर थाना जयपुर में है |
- विश्व का एकमात्र कलकी मंदिर जयपुर में है |
- राजस्थान का प्रथम विश्वविद्यालय राजपुताना विश्वविद्यालय 1947 में जयपुर में स्थापित हुआ था|
- रास्ट्रीय आयुर्वेद संशथान यहाँ पर है |
- नाहरगढ़ बोइलोजिकल पार्क
- अशोक विहार मार्गन जयपुर
- रास्ट्रीय हथकरघा एंव कागज निर्माण संस्थान जयपुर
- जयपुर जन्तुआलय – ये राज्य का सबसे बड़ा जन्तुआलय है इसकी स्थपना रामसिंह ने 1876 में की थी |
जयपुर का इतिहास :- |
प्राचीन नाम :- ढूँढाण प्रदेश
*कचवाह वंश ने शासन किया जिसके शासक दुलेराय थे|
*1137 ई. में बड़े गुजरो को पराजित क्र प्राम्भिक राजथानी दोसा को स्थपित है |
*जमवाय माता को कच्छवाह राजवंश की कुल देवी मानी जाती है |
कोकिल देव :-
*दुल्हेराय के वंशज कोकिलदेव ने 1207ई . में आमेर के मीणाओ को पराजित कर आमेर को राजथानी स्थापित की थी |
* कोकिल देव के वंशज प्रथ्विराज ने खानवा के युद्ध में सांगा का साथ दिया था |
*सांगानेर कस्बा प्रथ्वी राज के पुत्र सांगा ने बसाया |
नोट :- प्रथ्वीराज की पत्नी बालाबाई को आमेर की मीरा कहते है |
*राजस्थान की राधा मीराबाई , वागड की मीरा गवरी बाई
भारमल (बिहारिमल){1547-1574ई.} :-
*पिता :- पृथ्वीराज
*भारमल ने 6 फरवरी 1562 को संभार नामकस्थान पर अपनी पुत्री हरखाबाई का विवाह अकबर से किया था|
*हरखबाई- मरियम उज्ज्मानी व जोधा बाई हीरा कँवारी
* 1570 में भारमल में कहने पर अकबर ने नागोर दरबार का आयोजन किया |
*राजपुतानो के प्रथम शासक जिसने मुगलों की अधिनता स्वीकार कर वैवाहिक सबंद बनाये |
पिता – भारमल
*अकबर ने इन्हें 5000 मनसब प्रदान किया |
*इनकी पुत्र का विवाह जहागीर से हुआ |
*हल्दी घटी के युद्ध से पहले राणा प्रताप को समझाने भेजा था
मानसिंह-
*पिता – भगवंत दास
*आमेर का शक्तिशाला राजा
*हल्दी घाटी के समय मन सिंह अकबर का प्रमुख हिन्दू सेनापति था
*मानसिंह को 7000 का मनसब प्राप्त था |
*अकबर ने मन सिंह को बंगाल,बिहार ,उड़ीसा, काबुल का सूबेदार नियुक्त किया था |
*मानसिंह ने आमेर दुर्ग , आमेर महल , जगत शिरोमणि मंदिर का निर्माण करवाया |
*मानसिंह का अंतिम अभियान(1614) के समय अलिचपुर, अहमदनगर में देहांत हो गया |
मिर्ज़ा राजा जय सिंह :-
*मिर्ज़ा राजा जय सिंह ने जहागीर , शाहजहा , ओरंजेब सेवा की |
*जयगढ़ दुर्ग का निर्माण करवाया |
*1638 ने कंधार अभियान पर समय शाहजह ने मिर्ज़ा राजा की उपाधि प्रदान की थी |
पुरन्दर की संधि :- 11 जून’ 1665 ई
*मिर्ज़ा राजा जय सिंह और मराठा राजा शिवाजी के मध्य
*संधि के तहत 23 दुर्ग मुगलों को सोंप दिये थे |
*ओरंगजेब ने धोखा देकर शिवाजी को कैद कर लिया था |
*शिवाजी वेश बदलकर वहा से भाग गए थे |
राजा राम सिंह (1667-1680)-:
पिता – मिर्ज़ा राजा जय सिंह
*अफगानिस्थान में इनका निधान हुआ |
सवाई जय सिंह (1700-1743):-
मूल नाम – विजय सिंह
इन्होने 7 मुगलों का समय देखा था |
*ओरंगजेब ने इन्हें सवाई की उपाधि दी |
जाजउ का युद्ध:- 3 जून 1707
*आजम,सवाई जयसिंह और मुअज्जम के मध्य (विजेता )
पिलसुद का युद्ध –
* 1715 में सवाई जय सिंह (विजयी ) और मराठा मल्हार राव होलकर के बिच हुआ
मंद्सोर का युद्ध ;- 1733 ई
*सवाई जय सिंह और मराठा के बिच बिजय
गंगवाना का युद्ध 1741 –
सवाई जय सिंह (विजयी) और अभय सिंह के मध्य हुआ
सवाई जय सिंह द्वारा निर्मित वेधशाला:-
1.जयपुर 2. दिल्ली 3.उज्जैन 4. मथुरा 5. वाराणसी
*सवाई जय सिंह ने 1740 ई में अश्वमेघ यघ का आयोजान किया |
सवाई ईश्वर सिंह (1743-1750)-:
*सवाई जय सिंह के ज्येष्ठ पुत्र थे |
*इनके राजा बनने के बाद इनके छोटे भाई माधोसिंह प्रथम का विरोध किया |
*राजमहल का युद्ध ( 1747ई)- सवाई ईश्वर सिंह(विजयी ) और माधो सिंह के मध्य हुआ |
*बगरू का युद्ध(1748ई ) – सवाई ईश्वर सिंह और माधोराम प्रथम(विजयी ) के मध्य हुआ |
*कंकोडा का युद्ध ;- सवाई माधोसिंह और मल्हार राव होल्कर के मध्य हुआ |
*भटवाडा का युद्ध (1761):- सवाई माधोसिंह और कोटि बूंदी रियासत के महाराव के मध्य (विजय ) हुआ है
सवाई प्रताप सिंह (1778-1803):-
पिता :- सवाई माधोसिंह
*इनके समय जयपुर पर सवार्धिक मराठो के आक्रमण हुए थे |
*इनके दरबार में 22 कवि , 22 संगतिघ , 22 नाट्ककार रहते थे |
*मालपुरा का युद्ध :- सवाई प्रताप सिंह और महादजी सिंधिया के मध्य (विजयी ) हुआ था |
*सवाई प्रताप सिंह का शासन कल जयपुर चित्र शेली का स्वर्णकाल माना जाता है |
सवाई जगत सिंह दिव्तीय (1803-1818 ) :-
*पिता – प्रताप सिंह
*इनके समय कृष्णाकुमारी विवाद हुआ था |
सवाई रामसिंह द्वितीय (1835-1880) :-
*सवाई राम सिंह द्वितीय 13 माह की उम्र में राजा बने |
*1857 की क्रांति के समय इन्होने अंग्रेजो का साथ दिया |
* अंग्रेजो ने इन्हें सितार ए हिन्द की उपाधि प्रदान की|
*1878 ई में इन्होने रामप्रकाश नाट्यशाला की स्थपना की |
सवाई माधोसिंह द्वितीय (1880-1922) :-
*इनको जयपुर का बब्बर शेर कहते है 1902 में लंदन में एडवर्ड के राज्याभिषेक में भाग लिया |
*नाहरगढ़ में अपनी 9 रानियों के लिए 9 एक जेसे महल बनवाए |
सवाई मान सिंह द्वितीय (1922-1956) -:
*माधोसिंह द्वितीय के पुत्र थे।
* वृहत् राजस्थान संघ के राजप्रमुख बनाए गए थे।
*30 मार्च, 1949 से 1 नवम्बर, 1956 ई. तक राजस्थान के राज प्रमुख रहे थे।
नोट राजस्थान की प्रथम महिला राज्यसभा सदस्य-शारदा भार्गव।
अन्य जानकारी:-
*सवाई रामसिंह द्वितीय ने 1818 में प्रिंस ऑफ वेल्स के जयपुर आगमन पर जयपुर की सभी इमारतों पर गुलाबी रंग करवाया था।
* जयपुर शहर के 7 दरवाजे हैं-सांगानेरी गेट, चाँदपोल गेट, अजमेरी गेट, सूरजपोल, घाट गेट, ध्रुव गेट
(जोरावर सिंह दरवाजा) एवं न्यू गेट।
नोट-हाल ही में जयपुर के गजल गायक उस्ताद अहमद हुसैन एवं मोहम्मद हुसैन को 2023 में पद्म श्री दिया गया।
*प्रदेश का पहला ऑल वुमेन रेलवे स्टेशन-गाँधीनगर,जयपुर
*जयपुर को राजधानी 30 मार्च, 1949 को पी. सत्यनारायण राव समिति की सिफारिश पर बनाया गया।
*जयपुर प्रजामण्डल-जयपुर प्रजामण्डल की स्थापना कर्पूरचंद पाटनी ने वर्ष 1931 में की तथा वर्ष 1936 में जमनालाल बजाज एर्व हीरालाल शास्त्री के प्रयासों से इस प्रजामण्डल का पुनर्गठन किया गया।
*राज्य का प्रथम भालू रेस्क्यू सेन्टर नाहरगढ़ जैविक उद्यान, जयपुर।
*राजस्थान का एकमात्र शहर जहाँ मेट्रो रेल संचालित है। शुरुआत 3 जून, 2015 को की गई थी। एशियाई विकास बैंक के सहयोग से।
*राज्य की प्रथम पर्यटन पुलिस-जयपुर के जंतर- मंतर एवं आमेर से शुरूआत हुई।
*जवाहर कला केन्द्र-वास्तुकार – चार्ल्स कोरिया अल्बर्ट हॉल म्यूजियम-जयपुर। राजस्थान का सबसे बड़ा संग्रहालय।
राजस्थान संस्कृत अकादमी-जयपुर
राजस्थान सिन्धी अकादमी-जयपुर
राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी-जयपुर
जयपुर एयरपोर्ट/अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट (स्थापना-29 दिसम्बर, 2005)-जयपुर
नोट-अक्टूबर, 2021 को एयरपोर्ट अडाणी ग्रुप को सौंप दिया। (50 वर्ष के लिए)